Thursday, January 30, 2014

बीएसएफ, सीआरपीएफ संगठित कैडर नहीं : केंद्र

From Bhaskar News Network
|Jan 29, 2014
राजीव सिन्हा - नई दिल्ली
सीमा सुरक्षा बल ((बीएसएफ)), भारतीय-तिब्बत सीमा बल ((आईटीबीपी)) व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ((सीआरपीएफ)) आदि केंद्रीय अर्धसैनिक बल संगठित कैडर नहीं हैं....। सुनने में यह भले ही अटपटा लगता हो लेकिन यह बात कोई आम आदमी नहीं बल्कि केंद्र सरकार कह रही है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में यह कहा है। अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी पदोन्नति और आईएएस अधिकारियों से कमतर आंके जाने का विरोध कर रहे हैं। 
केंद्र सरकार ने अप्रैल 2009 छठे वेतन आयोग के उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया था जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा और केंद्रीय सिविल ग्रुप-ए अधिकारियों के बीच विषमता को दूर करने के लिए कहा था। लिहाजा विभिन्न अर्धसैनिक बलों के आईजी, डीआईजी, कमांडेंट आदि स्तर के अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र सरकार के अप्रैल 2009 के आधिकारिक ज्ञापन के तहत नॉन फंक्शनल अपग्रेडेशन ((एनएफयू)) की गुहार की है। लेकिन सुनवाई के दौरान केंद्र ने हलफनामा देकर कहा कि बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी आदि अर्धसैनिक बल के ग्रुप-ए अधिकारीं संगठित कैडर के तहत नहीं आते। लिहाजा उन पर आईएएस या आईपीएस अधिकारियों के नियम लागू नहीं होते। 
याचिका में अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों ने कहा है कि नॉन फंक्शनल अपग्रेडेशन ((एनएफयू)) के अभाव में अधिकारियों में स्थिरता आ गई है। वर्षों से अधिकारी एक ही पद पर बने हुए हैं। अधिकारी पदोन्नति का वर्षों से इंतजार कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता की ओर पेश वरिष्ठ वकील 'योति ने मंगलवार को अदालत के समक्ष कहा कि अर्धसैनिक बल के ग्रुप-ए अधिकारी को संगठित कैडर करार नहीं देना गलत है। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल के करीब दस हजार अधिकारी इससे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने गुहार लगाई है कि यह कानूनी मसला है, जिस पर अदालत को फैसला लेना चाहिए। वहीं सरकार ने अदालत से याचिकाकर्ता की संशोधित याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय देने की मांग की। सरकार ने कहा कि उन्होंने कुछ याचिकाकर्ताओं की संशोधित याचिकाओं पर जवाब दाखिल कर दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार को तीन हफ्ते के भीतर सभी संशोधित याचिकाओं का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
केंद्र सरकार द्वारा अर्धसैनिक बलों के ग्रुप-ए अधिकारियों को संगठित कैडर नहीं करार देने के बाद याचिकाकर्ताओं ने संशोधित याचिकाएं दाखिल की है। संशोधित याचिकाओं में विभिन्न अर्धसैनिक बलों ने कहा है कि सालों से केंद्र सरकार अर्धसैनिक बल मान रही थी, लेकिन अब सरकार पलट गई।

http://www.bhaskar.com/article-srh/MAT-HAR-FAR-c-62-154979-NOR.html

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