जागरण से साभार
7 जुलाई 2013
7 जुलाई 2013
नई दिल्ली। अब महिलाएं देश के भीतर ही नहीं सरहदों पर भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर निगाहबानी करेंगी। महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने पहली बार सीमा सुरक्षा बल [बीएसएफ] में महिला अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 25 वर्ष तक की महिलाओं को सहायक कमांडेंट रैंक के अधिकारी के तौर पर सीधी भर्ती के तहत नियुक्त किया जाएगा।
सीधी भर्ती के तहत नियुक्त होने वाली महिला अधिकारियों को पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर तैनात किया जाएगा। अब तक महिला अधिकारियों की भर्ती केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) में ही होती है। इन्हें देश की आंतरिक सुरक्षा में सेवाएं देनी होती हैं। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय बलों में बड़ी तादाद में महिला सैनिक हैं, लेकिन युद्ध क्षेत्र के लिए कोई भी महिला कमांडर नहीं है। सिर्फ पुरुष अधिकारियों के सीमाओं पर तैनात किए जाने में कोई समस्या नहंी है, लेकिन महिला अधिकारियों को तैनात करने से संदेश जाएगा कि वे कोई भी काम करने में सक्षम हैं। अधिकारी ने बताया कि दिसंबर, 2013 तक पहले बैच की महिला अधिकारियों की नियुक्ति हो जाएगी और वे अगले साल के अंत तक सीमाओं पर तैनात कर दी जाएंगी।
अन्य दो सीमा सुरक्षा बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में भी महिला अधिकारियों को सीमाओं पर तैनात नहीं गया है, जबकि इनमें अच्छी संख्या में महिलाएं हैं। बीएसएफ में पहली बार 2009 में महिलाओं की भर्ती की गई थी, जिनकी मौजूदा संख्या 700 हो गई है। सरकार इस साल बीएसएफ में कुल 110 नई अधिकारियों की नियुक्ति करेगी, जबकि सीआरपीएफ में 138 और सीआइएसएफ में 56 अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। परीक्षा का आयोजन संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) करेगा। बतौर सहायक कमांडेंट नियुक्त होने के बाद ये महिला अधिकारी बीएसएफ की एक कंपनी या बटालियन की डिप्टी कमांडेंट और कमांडेंट तक पदोन्नति हासिल कर सकती हैं।