From Bhaskar News
20/07/12
रायपुर। बीएसपी के लिए लाइफ लाइन मानी जाने वाली 232 किमी रावघाट रेल लाइन का काम अब जल्द ही शुरू होने वाला है। पहले चरण में 95 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने का काम दल्लीराजहरा से उन इलाकों में पहले शुरू होगा, जो गैर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहलाते हैं। इन इलाकों में जिलों की लोकल पुलिस सुरक्षा प्रदान करेगी। नक्सल इलाकों में काम के दौरान सीआरपीएफ और पुलिस फोर्स सुरक्षा का जिम्मा उठाएगी।
पुलिस मुख्यालय में गुरुवार शाम रावघाट परियोजना की सुरक्षा के संबंध में पुलिस और रेलवे अफसरों की बैठक बुलवाई गई। बैठक में मुख्यालय के अफसरों ने रेलवे अधिकारियों को रावघाट रेल क्षेत्र के नक्सल इलाकों की भोगौलिक परिस्थितियों की जानकारी दी। उन्हें तीनों जिले के इलाकों में आने वाले जंगल, गांव, पहाड़ियां और नदियों के बारे में जानकारी दी गई।
नक्सलियों की गतिविधि और उनकी सक्रियता का भी आंकलन कराया गया। राज्य पुलिस की ओर से डीजीपी अनिल एम नवानी ने बैठक का नेतृत्व किया। उनके साथ आरपीएफ(रेल सुरक्षा बल) के डीजी पीएस मेहता, दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के जीएम अरुणोंद्र कुमार, एडीजी राम निवास, आईजी आरपीएफ एसके पाढ़ी, डीआरएम पीएस मिश्रा, आईजी आरके विज समेत तमाम अफसर शामिल हुए। भोगौलिक स्थिति समझने के बाद रेलवे की ओर से यह तय हुआ कि गैर नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले काम शुरू होगा। अधिकारियों के मुताबिक रेल लाइन बनाने वाले कांट्रेक्टरों को ऐसे क्षेत्रों में जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे।
तगड़ी सुरक्षा में होगी जंगल की कटाई : आईजी आरपीएफ एसके पाढ़ी ने बताया कि दल्लीराजहरा से केवती के बीच 17 किमी तक के इलाके में काम पहले शुरू होगा, लेकिन इसके बाद घने जंगल की कटाई तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होगी। यह इलाका धुर नक्सल प्रभावित है।
अफसरों के मुताबिक बरसात में जंगल की कटाई पर फारेस्ट विभाग का प्रतिबंध रहता है। लिहाजा अक्टूबर के महीने से यह काम शुरू होगा। घने जंगलों का इलाका नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहलाता है।
इन इलाकों में रेलवे निर्माण एजेंसी का कैंप लगेगा, जिसे चारों ओर से फोर्स की सुरक्षा रहेगी। सीआरपीएफ और पुलिस की तमाम फोर्स के अलग-अलग इलाकों में कैंप लगाए जाएंगे। मुख्यालय स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है।
रावघाट रेल परियोजना कमेटी का गठन
रावघाट रेल लाइन परियोजना के निर्माण के दौरान होने वाली दिक्कतों के लिए रेलवे और राज्य पुलिस की एक संयुक्त कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें पुलिस और रेलवे दोनों से संबंधित अफसर सदस्य होंगे। यह कमेटी फील्ड में तमाम मुश्किलों और परेशानियों का आंकलन करेगी। सुरक्षा से संबंधित तमाम दिक्कतों का समाधान कमेटी द्वारा किया जाएगा। सुरक्षा और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी तमाम रणनीतियां भी इसी कमेटी के अधिकारी तय करेंगे।
http://www.bhaskar.com/article/CHH-RAI-in-non-maoist-areas-first-bsf-life-line-3546150.html
20/07/12
रायपुर। बीएसपी के लिए लाइफ लाइन मानी जाने वाली 232 किमी रावघाट रेल लाइन का काम अब जल्द ही शुरू होने वाला है। पहले चरण में 95 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने का काम दल्लीराजहरा से उन इलाकों में पहले शुरू होगा, जो गैर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहलाते हैं। इन इलाकों में जिलों की लोकल पुलिस सुरक्षा प्रदान करेगी। नक्सल इलाकों में काम के दौरान सीआरपीएफ और पुलिस फोर्स सुरक्षा का जिम्मा उठाएगी।
पुलिस मुख्यालय में गुरुवार शाम रावघाट परियोजना की सुरक्षा के संबंध में पुलिस और रेलवे अफसरों की बैठक बुलवाई गई। बैठक में मुख्यालय के अफसरों ने रेलवे अधिकारियों को रावघाट रेल क्षेत्र के नक्सल इलाकों की भोगौलिक परिस्थितियों की जानकारी दी। उन्हें तीनों जिले के इलाकों में आने वाले जंगल, गांव, पहाड़ियां और नदियों के बारे में जानकारी दी गई।
नक्सलियों की गतिविधि और उनकी सक्रियता का भी आंकलन कराया गया। राज्य पुलिस की ओर से डीजीपी अनिल एम नवानी ने बैठक का नेतृत्व किया। उनके साथ आरपीएफ(रेल सुरक्षा बल) के डीजी पीएस मेहता, दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के जीएम अरुणोंद्र कुमार, एडीजी राम निवास, आईजी आरपीएफ एसके पाढ़ी, डीआरएम पीएस मिश्रा, आईजी आरके विज समेत तमाम अफसर शामिल हुए। भोगौलिक स्थिति समझने के बाद रेलवे की ओर से यह तय हुआ कि गैर नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले काम शुरू होगा। अधिकारियों के मुताबिक रेल लाइन बनाने वाले कांट्रेक्टरों को ऐसे क्षेत्रों में जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे।
तगड़ी सुरक्षा में होगी जंगल की कटाई : आईजी आरपीएफ एसके पाढ़ी ने बताया कि दल्लीराजहरा से केवती के बीच 17 किमी तक के इलाके में काम पहले शुरू होगा, लेकिन इसके बाद घने जंगल की कटाई तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होगी। यह इलाका धुर नक्सल प्रभावित है।
अफसरों के मुताबिक बरसात में जंगल की कटाई पर फारेस्ट विभाग का प्रतिबंध रहता है। लिहाजा अक्टूबर के महीने से यह काम शुरू होगा। घने जंगलों का इलाका नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहलाता है।
इन इलाकों में रेलवे निर्माण एजेंसी का कैंप लगेगा, जिसे चारों ओर से फोर्स की सुरक्षा रहेगी। सीआरपीएफ और पुलिस की तमाम फोर्स के अलग-अलग इलाकों में कैंप लगाए जाएंगे। मुख्यालय स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है।
रावघाट रेल परियोजना कमेटी का गठन
रावघाट रेल लाइन परियोजना के निर्माण के दौरान होने वाली दिक्कतों के लिए रेलवे और राज्य पुलिस की एक संयुक्त कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें पुलिस और रेलवे दोनों से संबंधित अफसर सदस्य होंगे। यह कमेटी फील्ड में तमाम मुश्किलों और परेशानियों का आंकलन करेगी। सुरक्षा से संबंधित तमाम दिक्कतों का समाधान कमेटी द्वारा किया जाएगा। सुरक्षा और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी तमाम रणनीतियां भी इसी कमेटी के अधिकारी तय करेंगे।
http://www.bhaskar.com/article/CHH-RAI-in-non-maoist-areas-first-bsf-life-line-3546150.html
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